करीब-करीब हर कविता जो यहाँ प्रकाशित कर रहा हूँ, लिखने के बाद बहुत ख़ुशी हुईI उस रात उसे पढ़ कर खुश होता रहा, कभी मन में गुनगुनाता रहाI पर किसी को सुनाने कि हिम्मत बहुत धीरे-धीरे जुटा सकाI ये बड़ी अजीब-सी बात है कि आज आप सब के सामने इसे प्रकाशित करते हुए मन में कोई भी भाव नहीं हैI

 

अक्सर कवितायें एक क़र्ज़ से साथ जन्म लेती हैं (सब नहीं), कि उन्हें सुनने वाले तक पहुचना हैI इन कविताओं का क़र्ज़ अदा करने का वक़्त शायद आगया, इसलिए प्रकाशित कर रहा हूँI

 

यदि आप किसी के नज़दीक बहुत समय से या शुरुआत से रहें, तो वो कितना सुन्दर है / नहीं है?, ऐसे सवालों के जवाब नहीं दे सकतेI इन कविताओं के साथ मेरा ऐसा ही सम्बन्ध हैI इसलिए इन कविताओं में आपको जो भी अच्छा- बुरा नज़र आये, उसे आप कमेंट्स में लिख कर मुझे बताएँI आप चाहें तो अपनी टिप्पणी मुझे ई-मेल भी कर सकते हैं|

 

सादर,
पीयूष

 
 

Peeyush Yadav
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Bangalore

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