पाना चाहा ब्रह्म


 

पाना चाहा ब्रह्म मगर फिर

हाथ लगी केवल माला,

बना नमाज़ी पर न कभी भी

मिल पाया अल्ला ताला,

मादकता ने भेद मुझे ये

रात बज़्म में बतलाया,

मदिरा प्याले साधन हैं खुद

नहीं प्रिये ये मधुशालाI

-पीयूष यादव

बज़्म – महफ़िल



    पल में सब सौंदर्य समा है..


     

    पल में सब सौंदर्य समा है

    पल में रहती है हाला,

    ‘माँग रहे क्यूँ जीवन सारा?’

    कहती है ये सुरबाला,

    जीवन-तल पर गौहर जैसे

    बिखरे कितने ही क्षण हैं,

    अपने जीवन से तुमको ये

    क्षण देती है मधुशालाI

    -पीयूष यादव

     

    Audio clip: Adobe Flash Player (version 9 or above) is required to play this audio clip. Download the latest version here. You also need to have JavaScript enabled in your browser.

     

    a moment embraces lasting beauty,
    in an
    instant dwells sublime poetry…

    “why long for a lifetime?”,
    this
    music nymph wonders…

    these moments like precious sapphires
    bristle
    in one’s true beingness

    arrive, experience such jewels
    from
    Tavern’s benign vigour.

     

    -Siddharth Singh
    Ghaziabad



      चिंतन के बाज़ार


       

      ये कोई उपदेश नहीं हैं

      ना आदर्शों का जाला,

      चिंतन के बाज़ार गर्म यूँ

      भटका जित भोला-भाला ,

      पाप-पुण्य का ज्ञान तुम्हें इस

      जग में सबसे ज़्यादा है

      मुझपे मदिरा की दो बूँदें

      तुम पर पूरी मधुशालाI

      -पीयूष यादव

       

      Audio clip: Adobe Flash Player (version 9 or above) is required to play this audio clip. Download the latest version here. You also need to have JavaScript enabled in your browser.



        मैं ढूँढ रहा वो मधुशाला


        ऐसी मदिरा जिसमें खुद को

        ढूँढ सके पीनेवाला,

        साकी जो मद्धम-सी कर दे

        तीव्र वेदना की ज्वाला ,

        मतवाले औ’ मदिरालय में

        अंतर मुश्किल हो जाये,

        ऐसी साख जहाँ हो सखि मैं,

        ढूँढ रहा वो मधुशालाI

        -पीयूष यादव

         

        Audio clip: Adobe Flash Player (version 9 or above) is required to play this audio clip. Download the latest version here. You also need to have JavaScript enabled in your browser.



          Powered By Indic IME